दर्द दे मोहब्बत
कुछ ना बचा मेरे इन, दो खाली हाथों में,
एक हाथ से किस्मत रूठ गई,
तो दूसरे हाथ से मोहब्बत छूट गई।
कुछ ना बचा मेरे इन, दो खाली हाथों में,
एक हाथ से किस्मत रूठ गई,
तो दूसरे हाथ से मोहब्बत छूट गई।
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही,ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही,जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश …
हर दिन कुछ केहता है,
हर दिन कुछ बताता है,
इस नये दिन में आपको वो सब मिले,
जो हर कोई नहीं पाता है।
तेरी जुल्फों के साये में हो साँझ मेरी
तेरे होंठों को चूम कर सबेरा हो,बस
तू और में न हो कोई हलचल रात गुजारूं
ऐसी तेरी आगोश में सबेरा हो.
हमारी हर खुशी का अहसास तुम्हारा हो,
तुम्हारे हर गम का दर्द हमारा हो,
मर भी जाए तो भी हमें कोई गम नही
बस आखिरी वक्त साथ तुम्हारा हो।