बेदरदों की दुनिया मे

बेदरदों की दुनिया मे सुकून चाह राहा हूँ,
जिनकी आंखे नम है उनसे मुस्कान मांग राहा हूँ.
ना मिले बेवफावों की महफ़िल मुझे खुदा,
मै तो वफ़ा की तनहाई मांग राहा हूँ..

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