सुना है तुम्हारे चाहने वाले वाले बहुत है,
ये इश्क़ की मिठाई सब में बाँट दी तुमने,
सचमुच बहुत पक्की डोर है तेरी बेवफ़ाई की,
सुना है रकीब की पतंग भी काट दी तुमने॥
अब कैसे बताऊ क्या गुजरती है मेरे दिल पर,
जब किसी और के हाथ तेरे बदन को छुआ करते है,
ये जमाना जालिमो से भरा हुआ है,
ये लोग इतने अच्छे नहीं ! जीतने ये दिखा करते है॥
कितने किरदार थे उसके, बता दूँ क्या?
हालत-ए-दिल तुमसे जाता दूँ क्या? और
इस कदर कातिल उसकी निगाहे जालीम !
ना बने तू दीवाना तो, चल बता दूँ क्या!!
तेरे दिल की महफिल सजाने आए थे,
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे!
ये तो बता किस बात की सजा दी तूने ओ बेवफा।
हम तो तेरे दर्द को अपना दर्द बनाने आए थे॥
कि प्यार तो मैं तुझसे बहोत करता हूँ !
लेकिन तेरी हकीकत भी जनता हूँ !
इसलिए तेरी गली तक तो जाता हूँ !
पर तेरी चौखट से ही लौट आता हूँ ॥
आजकल तुम दिखाई नहीं देती !
ये बताओ कहीं शुमार हो क्या ?
हुश्न भी अच्छा है, अदाएं भी देखी है!
पर ये बताओ वफ़ादार हो क्या!!
जाना ही था तो बता कर जाती,
यूं बेवफ़ा का इल्जाम खुद पर ना लगवाती!!
हमने सोचा था कि हम ही तड़प रहे है,
तुम्हारी यादों में ! पर आंखे बता रही है,
नींद रात भर आपको भी नहीं आती !!
तेरा दिया हुआ जख्म मेरे काम आ गया…
भरी महफिल में मैंने बेवफा कहा…
और सब के लबो पे तेरा नाम आ गया॥
कि मुझको सिर्फ उसका नशा है,
मुझ पर कोई भी नशा वार नहीं करता !
और मैं जानबूझ कर दिखता हूँ मजनू जैसा !
इसलिए मुझसे कोई प्यार नहीं करता !!
मैंने वक्त के पहिये को,
धीरे और तेज चलते देखा है,
अरे तुम गैरो की बात करते हो,
मैंने अपनों को बेवफा करते देखा है॥
नमस्कार दोस्तों शायरी पांडा आपका हर दम स्वगत के लिए तत्पर है ,दोस्तों हर कोई इंसान अपने जिन्दगी में कभी ना कभी किसी ना किसी से प्यार करता जरुर है ,जिसका किस्मत अच्छा होता है ,उसको अपना प्यार मिल जाता है नहीं तो बेवफा की यादो में रोते रहते है ,दोस्तों हमारे पास बेवफा शायरी का बहुत सारा शायरी है आप पढ़ सकते है दोस्तों ,आज हम आप लोगो के लिए फिर से बेवफा शायरी लेके लाये है ,दोस्तों तो हमारे बेवफा शायरी जरुर पढ़ हे और बताओ की कैसा बना है ,आपके जवाब का इन्तजार रहेगा बाये …..|