dard bhari shayari new
उल्टी पड़ी है कश्तीयाँ रेत पर मेरी, कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर..!
Pyar tune kya kiya!
उल्टी पड़ी है कश्तीयाँ रेत पर मेरी, कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर..!
दिलों पर तो लोग बेवजह इल्जाम लगाते है, इल्जाम तो उनपे लगाओ जो आधे में ही छोड़ जाते।। 🖤🖤
हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया, गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला…
एक साथ चार कंधे देख कर ज़हन में आया.! एक ही काफी था, गर जीते जी मिला होता.!!
उसने हँसते हुए तोड़ा था हमारा रिश्ता… हम सभी को ये बताते हुए रो देते हैं…
तुम्हारी बात लंबी थी…. दलीलें थी….बहाने थे…. मेरी बात इतनी थी कि…. मेरी आरज़ू तुम थे……
भरोसे की कीमत अब कुछ नहीं क्योंकि धोखा हर गली और मोहल्ले में सस्ते दामों पर बिक रहा हैं!!
इश्क़ वाजिब था हम़ पर जो हमनें कर लिया… वफा फर्ज हैं उन पर देखें अब़ वो क्या करते हैं…
❤ सजा मे तुम मिलोगे तो बोलो!!! गुनाह कुबुल कर लूँ!!!❤
कभी कभी यूं ही चले आया करो दिल की दहलीज पर…. ऐ दोस्तो अच्छा लगता है यूँ तन्हाइयों में तुम्हारा…