हमारी दोस्ती

हमारी दोस्ती एक दूजे से ही पूरी है,
वरना रास्ते के बिना तो मंज़िल अधूरी है।

दोस्ती अगर दूर भी होती है,
तो भी ये कोहिनूर होती है।

तुम मुझसे दोस्ती का मोल ना पूछना कभी
तुम्हें किसी ने पूछा की पेड़ छाँव क्यों देता है?

ऐ खुदा अपनी अदालत में – मेरी ज़मानत रखना, 
मैं रहूँ या ना रहूँ! – मेरे दोस्तों को सलामत रखनारखना..!! 

बच्चे वसीयत पूछते है, रिश्ते हैशियत पूछते है,
वो दोस्त ही है जो… मेरी खैरियत पूछते है..!!

दोस्तों की दोस्ती में कभी, कोई रूल नहीं होता है, 
और ये सिखाने के लिए, कोई स्कूल नहीं होता हैै.. !! 

कौन कहता है कि मुझ में कोई कमाल रखा है, 
मुझे तो बस कुछ दोस्तों ने संभाल रक्खा है..!!

~ चर्चित शायरीयाँ ~