❤भीगतें है जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी❤
❤अब ना करूँगा अपने दर्द को बयान जब दर्द सहना मुझको ही है तो तमाशा क्यों करना ❤
याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।
❤ तारीफ नही करता खुद की
मगर ये सच है
कोई कसर नही छोडूंगा तेरा साथ निभाने की❤
❤ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे इक आग का दरिया है और डूब के जाना है ❤