नजारिया देखने का सबका

नजारिया देखने का सबका अलग होता है,
हँसता हुआ इंसान भी रोता है,
अपने दर्द को खुद मे छुपाना, यही जिंदगी है,
क्योंकि मतलबी दुनिया में कौन किसी का होता है।

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