शाम की तन्हाई में खो ना जाना,
किसी की मस्ती में डूब ना जाना,
मिलेंगी जरूर मंज़िलें तुम्हें,
उन्हे पाकर हम जैसे दोस्तों को भूल ना जाना।
शाम की तन्हाई में खो ना जाना,
किसी की मस्ती में डूब ना जाना,
मिलेंगी जरूर मंज़िलें तुम्हें,
उन्हे पाकर हम जैसे दोस्तों को भूल ना जाना।