ज़िन्दगी भर इंतज़ार किया ‘
अपनी जिंदगी’ का जब मेरी ज़िन्दगी आई,
ना जाने कहाँ से उसके पीछे बिन बुलाये मेरी मौत चली आई।
जिन्दगी और मौत पर हिंदी शायरी

ज़िन्दगी भर इंतज़ार किया ‘
अपनी जिंदगी’ का जब मेरी ज़िन्दगी आई,
ना जाने कहाँ से उसके पीछे बिन बुलाये मेरी मौत चली आई।