लकीरें अपने हाथों की बनाना हमको आता है,
वो कोई और होंगे अपनी किस्मत पे जो रोते हैं।
नमस्कार दोस्तों श्यारिपांडा में आपका हार्दिक स्वागत हैं ,दोस्तों बहुत दिनी से आप लोगो के लिए पोस्ट ले नहीं आया ,लेकिन आज फिर से आप लोगो के बिच शायरी का खजाना लेके आया हूँ ,उमीद है शायरी पांडा आपको को अच्छा जरीर लग रहा होगा ,दोस्तों मेहनत कम और अपने हाथो के लकीरों पर जादा भरोषा करते हैं ,आइसे लोग जिन्दगी में कुछ हासिल नहीं कर पाते हैं,क्यों,की छोटी छोटी बातों में अपने किस्मत ,और भगवान् को दोस देते हैं,तो दोस्तों आप सभी को यही कहना चाहूँगा ,जितना भरोषा आप अपने भगवान् और अपने किस्मत पर करते हो ,उतना ही आप म्हणत करो आप को सफलता जरुर मिलेगी क्युकी ,उपर वाला भी उसी का सुनता हैं ,जो खुद के उपर किसी और की मदद ससे नहीं अपने मेहनत से आगे बढना जानते हैं इसलिए दोस्तों खूब ,मेहनत करो और खुद अपने हाथो के लकीरों को बदलो |