ऐसी नाराजगी हमसे की हम मना ना सके,
बस गयी मेरे दिल मे वैसी वो, की हम भुला ना सके,
बस दर्द है, तो इस बात की,
कितनी मोहब्बत थी इस दिल मे, हम बता ना सके।
रूठने का भी कुछ एक अपना अलग मजा होती है,
जब वो मुझे याद करके बिस्तर मे रोती है,
पर मै सताता नहीं हूँ, उन्हे ज्यादा क्योंकि,
सिर्फ रूठना ही सच्ची मोहब्बत की पहचान नहीं होती है।
कहते है, रूठना एक कला है,
जब बीवी रूठे तो वो एक बला है,
रूठने – मनाने का एक तरीका है, पर,
हम लड़के रूठे तो कहते है, वो बड़ा मनचला है ।
मेरी हर खता पर नाराज ना होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी ना खोना,
सुकून मिलता है देख कर आपकी मुस्कुराहट को,
मुझे मौत भी आए तो भी मत रोना…।
Shayari on Narazgi
गुस्से के बाद, मासा-अल्लाह क्या माल दिखती हो,
खुदा कसम बहुत कमाल लगती हो,
हम मांगे तो भी नहीं मिलता,
लगता है गैरों को खैरात की तरह बाँटती हो ।
जवो रूठ जावो हमसे, कब तक रूठोगे,
प्यार करता हूँ तुमसे, पर कब तक लुटोगे,
और नहीं समझ सकता आपको,
आज तक नहीं जन पाई मुझे, तो कब पहचानोगे।
तू रूठी तो मै रूठ जाऊंगा,
तेरी मोहब्बत मे मै लूट जाऊंगा।
ऐसे कोई रूठता है क्या, जो मनाने से भी ना माने,
अपने ही आशिक की तड़प को ना जाने।
रूठना तुमने सिख लिया मेरा दिल तोड़के,
खुश है तू किसी और के साथ, नया रिश्ता जोड़के।
इतना गुस्सा किसलिए, किस बात की गुरूर है,
आपकी सेवा मे तो आपका ये हाजिर हुजूर है।
Manane Wali Shayari
भूझी – भूझी सी क्यों रहती हो हमसे,
रूठना है तो थोड़ा, ढंग से रूठो।
ये मत सोचो रूठोगी तो मै मना लूँगा,
अरे आज तक तो मैंने अपने खुदा को नहीं मनाया ।
दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,
रखा जो तुझे याद बुरा तो नहीं किया,
हम से लोग हैं नाराज किसलिए,
हम ने कभी किसी को खफा तो नहीं किया ।
तौबा – तौबा ये कोई तरीका है,
भारी महफ़िल मे यहीं रूठने का मौका है।
गुस्सा मतकर मुझपे रूठ के जाती है तो जा,
ये मत सोचना मनाने तेरे पीछे-पीछे आऊँगा।
Naraz Shayari
हम तो तेरे दीवाने है, तुझे मना ही लेंगे,
रूठकर ऐसे मुह ना बनावो ना,
तुझे अपना बना ही लेंगे।
नाराजगी भी है लेकिन किसको दिखाऊँ,
प्यार भी है लेकिन किस से जाताउँ,
वो रिश्ता ही क्या जिसमे भरोसा ही नहीं,
अब उनपर हक ही नहीं, कैसे बताऊँ ।
जब रूठ के जाती है, मुझको बहुत रुलाती है,
क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती,
जो मुझको इतना सताती है।
नाराज लड़की को हम मनाना जानते हैं,
टेढ़ी लड़की हम पटाना जानते हैं,
ना समझो तुम हमें बेगैयरत,
रोता आदमी को हम हँसाना जानते हैं ।
नाराजगी शायरी
चाहे मैं आपके साथ हर समय लड़ते रहूँ,
पर फिर भी मुझे तुम्हारी जरूरत रहेगी।
ऐसे तुम कैसे कर सकती हो,
मुझे कैसे नाराज कर सकती हो,
तुम्हारी ही तो खुशी चाहता हूँ,
ऐसे कैसे मुझे भूला सकती हो ।
एहसान मानता हूँ की आप मेरे जिंदगी मे आये,
खुशियों के शाम मेरे जिंदगी मे लाये,
अब क्या हुआ मुझसे नाराज हो आप,
पता है आपको हमने कितना मनाया।
तेरे बिना ऐसे जिये जा रहा हूँ,
तेरे सभी गमों को सिये जा रहा हूँ,
तुम्हारे नाराजगी ने डाला ऐसा सदमा की,
तेरे गम को भूलाने के लिये पिये जा रहा हूँ.
मेरे जिंदगी मे बस एक तू ही तो है मेरी रानी,
गुस्सा होकर मत बना कोई कहानी,
चाहत तेरे दिल मे मुझे पता है,
फिर भी झगड़ा करके कर मत कोई काहा सुनी।
~ चर्चित शायरियाँ ~