किताबो पर शायरी

खड़ा हूँ आज भी चार रोटी हर्फ़ के लिए,
सवाल ये है की किताबो ने क्या दिया मुझे.

दोस्तों आज हम बड़ी गरीबी से निकल जिन्दगी में कुछ बन जायेगे करके कड़ी मेहनत कर के एक एक पैसा जुगाड़ करके माँ बाप हमें पैसा काट काट कर हमें पढ़ाते लिखाते हैइ कोई ,पर इतनी पढ़ाई लिखाई हमारी कोई काम नही आती आज इतनी बड गयी है की लाख कोशिश करने के बाद भी हमें दो वक्त के रोटी के लायक हम बन नहीं पाते है तो हम क्या करे जी की पढाई करने के बाद भी माँ बाप को दो वक्त की रोटी दे सके जो हमें कड़ी मेहनत कर के पढ़ाते लिखाते है दोस्तों आप समझदार है आगे कुछ नहीं ..