आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों मे जहर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे मांगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों मे सिसकता देखो।
आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों मे जहर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे मांगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों मे सिसकता देखो।