मंजिल का नाराज होना भी जायज था,
हम भी तो अजनबी राहों से दिल ❤️ लगा बैठे थे ॥
मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं,
मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम 💪 है…!
अजनबी है वो जिन्हे हम अपना मानते
राज जो दिल में छुपा है उनके
ये तो बस खुदा जानते है।
चला दिल पे खंजर 🗡️और वो दिल के पार हो गया,
एक अजनबी मुलाकात हुई थी उनसे हमारी,
मगर ना जाने क्यों उनसे प्यार 💕 हो गया।
ई तीर जैसे दिल के पार हुआ है,
जाने क्यों इतना बेक़रार हुआ है दिल,
पहले कभी देखा न मैंने तुम्हें,
फिर भी क्यों ऐ अजनबी इस कदर तुमसे प्यार हुआ है।
अजनबी से बात करने से
दिल हमारा डरता है..
ऐसा घाव हमें
अपनों ने जो दिया है..
सुनो”……..यूँ उदास मत बैठो अजनबी से लगते हो,
प्यारी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही..!!
यु हम पर तरस ना
दिखाया करो अजनबी ..
तेरी मेहरबानियाँ ,
हमें महंगी पड़ती है ….
अजनबी से बात करने से
दिल हमारा डरता है…
ऐसा घाव हमें
अपनों जो दिया है…
~चर्चित शयरियाँ~