मेरा बेटा तब तक मेरा है जब तक उस को पत्नी नहीं मिल जाती।
मेरी बेटी तक मेरी है जब तक मेरी जिन्दगी ख़त्म नहीं हो जाती।
दोस्तों नमस्कार शायरी पांडा पर आपका हार्दिक स्वागत है दोस्तों हमारे देश में अभी भी इतनी रूठी वादी फैली हुयी है की लडकियों को अभी तक एक लड़का और लडकियों की तुलना की जाती है जबकि लड़कियां आज वो कर कर सकती है जो लड़के भी नहीं कर पाते है माँ बनना एक ऐसा उदहारण जो एक जीव को अपने पेट में नो महीने तक अपने पेट मे पालती है ,और जान ले ले वाली दर्द सह कर पाने पेट से एक एक जान को को जन्म देती है आज बेटियाँ किसी से कम नहीं है दोस्तों आखिर माँ माँ जो है .
जहा बेटी बेटा में अंतर देखा जाता है वही कुछ पिता भी ऐसे है जो बेटी की सही परिभाषा देते है उनकी सम्मान करते है दोस्तों और सही बात है एक बेटा तब तक बेटा जब तक उनकी शादी नहीं कर देते जब आप उनके शादी कर देते है तो वो अपने पत्नी के प्यार में इतना खो जाता है की उसे माँ बाप की कोई फिक्र ही नहीं रहता है एक बेटा को अपने पिता से सिर्फ यही मतलब होता है की मेरे पिता के पास इतना दौलत है ,वो उनके धन से प्यार करता है और जब पिता का धन ख़त्म हो जाता है तो बेटा कहता है आपने मेरे लिये किया क्या वो भूल जाता है की उसकी ख़ुशी के लिए दुनिया से लड़ कर कड़ी मेहनत करके उसकी परवरिश की है,
लेकिन बेटी दोस्तों एक बेटी की परिभाषा कोई भी इसान नहीं दे सकता बेटी क्या है जब वह घर में रहती है अपने माँ बाप के घर में फिर भी अपने माँ बाप के उपर जान छिड़कती है अपने परिवार के खुश के लिये अपने जान से खेल जाती है हमेशा अपने माँ बाप की इज्जत करती है उसकी इज्जत सम्भाल कर रखती है ,और बेटी जब तक बेटी ही होती है एक पिता और माँ की जिन्दगी ही खत्म नहीं हो जाती दोस्तों ये होती है बेटियां मै एक बेटी की परिभाषा नहीं दे सकता दोस्तों मै क्या दुनिया का इंसान औरत की परिभाषा नहीं दे सकता है दोस्तों मै निशब्द हूँ दोस्तों धन्यावाद शायरी पांडा में आपको हमेशा शायरी के साथ अच्छी बाते मिलेंगे .