हमने जो की थी मोहब्बत
हमने जो की थी मोहब्बत, आज भी है,तेरी ज़ुल्फ़ों की वो चाहत आज भी है,रात कटती है अब भी खयालों …
हमने जो की थी मोहब्बत, आज भी है,तेरी ज़ुल्फ़ों की वो चाहत आज भी है,रात कटती है अब भी खयालों …
कौन कहता है की हम झूठ नहीं बोलते,तुम एक बार हमसे खैरियत पूछ के देखो।
कुछ खत जो राह भटक गये थे,कल मुद्दतों के बाद आये,मेरे साथ तारों का हिसाब रखने वाले,फिर बेहिसाब याद आये।