कोरोना पर हिंदी शायरी
उजड़ रहे है सबके घरोंदे ऐसी आफत आई है,हो रहा है तिनका तिनका खून के आशुं रुलाई है,शमशान में भी …
उजड़ रहे है सबके घरोंदे ऐसी आफत आई है,हो रहा है तिनका तिनका खून के आशुं रुलाई है,शमशान में भी …
बदल के हम इस दुनिया को क्या बदलेगे,जब गलती हमने की है,मौका गया है अभी गुजर क्युकी प्रकृति,से हमने पंग्गा …
वो चैन से सो रहे है शहर बेच कर,कोई सोहाग बचा रहे है जेवर बेच कर,बाप ने उम्र गुजर दी …