मौत पर हिंदी शायरी
जल रहे थे, जिन्दा मुर्दे, कुछ कब्र में कुछ शमशान में,
क्योंकि हमारी शख्सियत ही ऐसी थी,
जिए शान में, मरे तो शान में।
जल रहे थे, जिन्दा मुर्दे, कुछ कब्र में कुछ शमशान में,
क्योंकि हमारी शख्सियत ही ऐसी थी,
जिए शान में, मरे तो शान में।
जब मै मर जाऊ तो बड़ा जस्न मानना,जैसे जब नदी समुन्दर में डूब कर मुस्कुराती है,मौत कोई जिन्दगी नहीं,यह तो …