माँ ममता की मूरत, पिता ज्ञान की खान,
बहन मान है घर का, भाई मेरी जान,
बिन इनके नहीं वजूद मेरा
है परिवार मेरी पहचान।
दोस्तों माँ बाप और परिवार से बड कर इस दुनियां में कोई किसी का साथ नहीं देता चाहे कितने भी मत भेद हो परिवार में लेकिन मुशिबत में यही का माँ आता है दो भाइयों के बिच कितना भी खटास हो लेकिन जब बात भाई की आती है तो खून उबाल मरता ही है दोस्तों ये कहने वाली बात नहीं है आप सबको पता है और जब माँ बाप की बात आती है तो फिर क्या कहना क्युकी यही लोग हमारे जिन्दगी के पालन हार होता है दोस्तों भले ही हमारे माता पिता कुछ करने के लायक ना हो लेकिन साथ में माँ बाप होते है
ना तो एक अलग ही तरह का जूनून आता है जो कही से नहीं आता है और माँ तो ममता की मूरत होती है जितना प्यार मान करती अपने बेटो को उतना प्यार शायद कोई करते होंगे चाहे उसकी माँ कैसे भी हो हमारे हमारे पिता भले पढ़े लिखे ना हो पर जिन्दगी जीने के ऐसा रास्ता बताते है वो ज्ञान आपको दुनियां कोई स्कूल में नहीं मिलेगा बहन के बारे क्या वो तो घर की लाडली होती है और सबसे जादा प्यार हम उनसे ही करते है हमारा भला सोचने वाली वही होआ है हमें प्यार और हम पर चिलाती है ,दोस्तों इतना मान लो इस दुनियां में परिवार ही एक दुसरे का काम आता है और कोई नहीं बिना परिवार के हमारा कोई वाजुद ही नहीं है …..