इश्क और दोस्ती मेरी जिंदगी की दो जहान हैं
इश्क मेरी रूह और दोस्ती मेरी ईमान हैं ,
इश्क पे कर दु फिदा अपनी जिंदगी मगर,
दोस्ती पर तो मेरी इश्क भी कुर्बान हैं।
इश्क और दोस्ती मेरी जिंदगी की दो जहान हैं
इश्क मेरी रूह और दोस्ती मेरी ईमान हैं ,
इश्क पे कर दु फिदा अपनी जिंदगी मगर,
दोस्ती पर तो मेरी इश्क भी कुर्बान हैं।