उलझी जिन्दगी

लफ्ज़ वही हैं, माईने बदल गये हैं !
किरदार वही, अफ़साने बदल गये हैं !
उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते !
ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं !!

दोस्तों नमस्कार शायरी पांडा में आपका दिल से हार्दिक स्वागत है दोस्तों जिन्दगी हमें अक्सर ऐसे मोड़ में ला कर खड़ा कर देता है जिससे हम हमें जीने के मायने भूल जाते है ,शायद जिन्दगी भी हमें रुला कर खुद को ख़ुशी मिलती होगी और हम अपने जीने के नजरियाँ बदल देते है जिन्दगी वही जीते है पर अलग और नये तरीके से फिर भी परेशानिया कम नहीं होती उलझी जिन्दगी को सुधारते सुधारते एक दिन हम खुद बदल जाते है शायद भगवान की यही मर्जी हो धन्यवाद दोस्तों