लकीरें अपने हाथों की बनाना हमको आता है,
वो कोई और होंगे अपनी किस्मत पे जो रोते हैं।
वो छोटी छोटी उड़ानों पे गुजरा हीं गुजरा करता
जो परिंदा अपने लिये आसमान ढूँढ़ता है !!”
दोस्तों कभी भी अपने हाथो के लकीरों पे भरोशा मत करना अगर सच में आप जिन्दगी रह में सफलता की उस शिखर में चड़ना चाहते हो खुद की मेहनत पर भरोशा करना ,अपने मेहनत को उस शिखर तक पहुचना की खुद किस्मत आपके सामने घुटने टेके,
दोस्तों अगर आप दिल में ठान लिए हो की मुझे बहुत बड़ा बनाना है जिसे दुनिया के हर सकस देख सके तो छोटी सपने कभी मत देखना छोटी सोच इसान को हमेशा छोटा हि बनता है ,बड़े सपने देखो की वहा तक आप पहुच जाओ…