कुदरत ने वहा क्या दुनिया

कुदरत ने वाह ! क्या दुनिया बनाई हैं,
ताजगी भरी हरयाली से इन्हें सजाई है,
खुशियों का है ये जहाँ अपना,
सबके लिए प्यार, नहीं कही कोई बुराई हैं.

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