जी चाहे की दुनिया की हर एक फिक्र भुला कर,
दिल की बाते सुनाऊ तुझे मै पास बिठाकर..
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है।
फिजूल हैं सारी दलीलें और गवाह दीवानों की वकालत में
सुकून का कानून ही नही होता इश्क की अदालत में
न देख कर ये चेहरा अब दिल खोलते हैं
कभी कभी कुछ शीशे भी झूठ बोलते हैं
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गई
फ़िर से आज जीने की वज़ह मिल गई
दर्द लेकर उफ़ भी ना करे ये दस्तूर है
चल ए ईश्क़ हमे तेरी ये शर्त भी मंजूर है
रहते हैं आस-पास ही लेकिन साथ नहीं होते…
कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते।
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,
बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
~ चर्चित शायरीयाँ ~
नमस्कार दोस्तों जैसे की आप सभी को पता है ,जब हमें प्यार मोहब्बत की समझ नहीं होता ,तो ये सभी बाते बेकार लगने लगती है लेकिन जब हम लोग भी उस सफर में चलने लगते है तब हमें समझ में आता है की प्यार क्या होता है ,दोस्तों प्यार में तड़प है जुदाई बेवफाई है वही मोहब्बत की प्यास है प्यार की सुकून है ,कभी कभी आइसे लोग भी होते है ,जिसे मोहब्बत में दर्द के शिवा कुछ नहीं मिलता ,तो कई आइसे आशिक भी है जो अपने प्यार के लिए जान बभी गवा देते है ,कहने का मतलब ये है की प्यार सिर्फ नाम का नहीं होना चाहिए ,प्यार हो तो दोनों तरफ बराबर और सिद्दत वाला हो ,आज के ज़माने में एक इंसान दस लोगो से प्यार करते है वो प्यार नहीं हवास कहना चाहिए ,दोस्तों
हमारे यहाँ मोहब्बत को बुरी निगाहों से देखते है इसका कारण क्या है ये हम सब जानते है क्युकी आज मोहब्बत के नाम पर बहुत आइसे चीजे हो जाते है जो घर समाज के लिए ठीक नहीं ,वैसे तो मोहब्बत का दुश्मन जब से है तब से मोहब्बत इस जहाँ आया है ,मोहब्बत को पूजा समझ दिल करो न की भूख समझ कर हमारे देश में मोहब्बत के कई कहनी किस्से आपको पड़ने और सुनने को मिल जायेगा जैसे हीर राँझा ,सोणी मेहवल जो भले ही एक दूजे के हो न सके लेकिन उन्होंने मोहब्बत सच्ची की थी जो आज भी हर आशिक के लिए भगवन है ..