मैं पन्नों पर उतारूँ तो भी याद आते हो,
भूलना जो चाहूँ, तो भी याद आते हो,
ये ज़िंदगी अब उलझन में फंस के रह गई है,
किसी और को मैं चाहूँ तो भी याद आते हो।
मैं पन्नों पर उतारूँ तो भी याद आते हो,
भूलना जो चाहूँ, तो भी याद आते हो,
ये ज़िंदगी अब उलझन में फंस के रह गई है,
किसी और को मैं चाहूँ तो भी याद आते हो।