ममता की छाँव में जिसने मुझे सुलाया,
दुनिया को समझ सकू ऐसा दूध पिलाया,
इस दुनिया मे कोई नहीं माँ से बड़ कर,
खुद भूखी रहा कर पेट भर मुझे खिलाया॥
ममता की छाँव में जिसने मुझे सुलाया,
दुनिया को समझ सकू ऐसा दूध पिलाया,
इस दुनिया मे कोई नहीं माँ से बड़ कर,
खुद भूखी रहा कर पेट भर मुझे खिलाया॥