जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
और जहाँ प्रेम की भाषा हो वहीं परिवार होता है.
नमस्कार दोस्तों अपने परिवार से बड़ इस दुनिया मे कोई चीज नहीं कोई धन नहीं है और हम शायद जीते भी है अपने परिवार की खुशी के लिए उनके छोटी से छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए ,तभी हमे सुकून मिलता है जब हमारा परिवार शुख शांति से राहत है हमारा परिवार हमारे साथ होता है तो हम दुनिया की हर मुश्किलों से टकरा जाते है ,काही मुसीबत ,मे भी हो हमारे अपनों के एक आवाज हमे नई ऊर्जा देती है ,और हम उसे करने मे सकछम हो जाते है।
जहा कही भी सूर्य की किरण जाती है वह वह तक खुशिया मुशकुरती है हरे भरे पेड़ पौधे नदी पहाड़ झरने अपनी मसत्ती मे रहते है और जहा सूर्य की किरण नहीं पहुच पति वह कोई भी जीव जन्तु भी चैन से नहीं रह पते है ,उसी प्रकार जहा प्रेम होता है वही परिवार बसता है इस किसी भी घर मे प्रेम नाम की पंछी उड़ जाती है नया उस घर मे कलह आ जाती है वो घर बर्बाद हो जाती है।