दर्द दे मोहब्बत

जवाब लेने चले थे, सवाल ही भूल गए!
अजीब है ये इश्क भी, अपना हाल भी भूल गए!!

कुछ ना बचा मेरे इन, दो खाली हाथों में,
एक हाथ से किस्मत रूठ गई,
तो दूसरे हाथ से मोहब्बत छूट गई।

कुछ गम…कुछ ठोकरें…
कुछ चीखें उधार देती है…
कभी कभी जिंदगी…
मौत आने से पहले ही मार देती है…

जिंदगी में कुछ हसीन पल यूंही गुजर जाते हैं
रह जाती हैं यादें और इंसान बिछड़ जाते हैं।

कुछ अजीब सा चल रहा है, ये वक्त का सफर…
एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर…

इश्क़ खुदकुशी का धंधा है,
“अपनी ही लाश अपना ही कंधा है”

बहुत दर्द देती हैं तेरी यादें
सो जाऊं तो जगा देती हैं
जग जाऊं तो रुला देती हैं।

लाख चाहूं कि तुझे याद ना करूं मगर,
इरादा अपनी जगह, बेबसी अपनी जगह..!!

तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना है
तुम्हारी सो के गुजरती है
हमारी रो के गुजरती है।

वक्त की तरह निकल गया वो,
नजदीक से भी और तकदीर से भी..!

दो ही हमसफर मिले जिंदगी में,
एक सबर… तो दूसरा इम्तिहान..!!

“गम” ये लफ्ज़ कहने में तो कम लगता है
लेकिन दोस्तों सहने में बड़ा दम लगता है।

कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं,
कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं।

ना जाने कोनसी शिकायतों का
हम शिकार हो गए,
जितना दिल साफ रखा उतना
गुनहगार हो गए,

कभी सोचा न था इतनी जल्दी खत्म कर दोगे रिश्ता हमसे,
मिले तो यूं थे जैसे सदियों साथ निभाओगे।

ना जिंदगी मिली ना वफा मिली,
क्यों हर खुशी हमसे खफा मिली,
झूठी मुस्कान लिए दर्द छुपाते रहे,
सच्चे प्यार की हमे क्या सजा मिली.!

बड़ी अजीब होती हैं ये यादें
कभी हंसा देती हैं
कभी रुला देती हैं।

हँसते बहुत हैं, मुस्कुराते कम हैं,
रोते नही बस आँखें नम हैं,
सवाल सी जिंदगी है, जवाब कोई नही,
शोर तो बहुत है, पर उसकी आवाज कोई नही..!

दिल में जो है, वो सब सच बता देता हूं,
किस्मत खराब इतनी जिसको चाहता हूं उसी को गंवा देता हूं

मेरी तलाश का है जुर्म
या मेरी वफ़ा का कसूर,
जो दिल के करीब आया
वही बेवफा निकला।

अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई,
इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई…

इस तरह से लोग रूठ गए मुझसे,
जैसे मुझसा बुरा दुनिया में कोई और नही।

हमे तो प्यार के दो लफ्ज़ भी ना नसीब हुए,
और बदनाम ऐसे हुए जैसे इश्क के बादशाह थे हम।

बड़े ही खुशनुमा वहम में थे,
कि हम उनकी जिंदगी में अहम थे

धीरे धीरे वो हमें अपनी जिंदगी से हटाते रहे,
बताकर मजबूरियां हमे वो अपना दिल कहीं और लगाते रहे।

उसने दोस्ती चाही
मुझे प्यार हो गया,
मै अपने ही कत्ल क
गुनहगार हो गया।

अधूरे चांद से फरियाद तो करता होगा,
वो मुझे ज्यादा नही पर याद तो करता होगा..!!

जिंदगी में हिस्सा बनने की चाह थी,
मगर किस्मत ने किस्सा बनाकर छोड़ दिया…!

दर्द मुझको ढूंढ लेता है रोज नए बहाने से,,
वो हो गया है वाकिफ मेरे हर ठिकाने से!

शायद अब लौट ना पाऊं कभी खुशियों के बाजार में,
गम ने ऊंची बोली लगाकर खरीद लिया है मुझे…

इस छोटे से दिल में, किस-किस को जगह दूं मैं,
गम रहे…दम रहे…फरियाद रहे…या तेरी याद..!!

उसके दर पर दम तोड़ गईं
तमाम ख्वाहिशें मेरी,
मगर वो पूछ रहा है
तेरे रोने की वजह मै तो नही।।

~ चर्चित शायरीयाँ ~

नमस्कार दोस्तों शायरी पांडा में आपका हार्दिक स्वगत है दोस्तों ,बहुत दिनों बाद एक नया शायरी लेके आया हूँ ,दोस्तों प्यार जितना सच्चा होता है ,मोहब्बत में दर्द भी उतना अच्छा होता है ,जो इंसान जितना प्यार करता है ,समय पर दर्द भी कई गुना जादा मिलता है दोस्तों ,मोहब्बत में सिर्फ भरोशा ही सबसे बड़ी चीज होती है ,आप किसी से सच्चे मोहब्बत करते हो ,बहुत मोहब्बत करते हो ,लेकिन इस बात की हमें पता नहीं होता की सामने वाला इंसान भी हमें उतना ही चाहता है ,इसी चीज से हमारे जिन्दगी में गमो के बादल छ जाते है दोस्तों ..||

जिसने मोहब्बत में धोखा दे दिया शायद उनको कोई फर्क ना पड़े लेकिन आपने उन्हें सच्ची मोहब्बत की है तो सोचो आपको कितना दर्द होगा ,ये दुनियां भी थोडा बदल गया है कई लोग आइसे भी है जो अपने मतलब तक ही मोहब्बत करते है उसके बाद आप कौन हो वो भी नहीं जानते दोस्तों ,कोई नाटक करता है तो कोई सच्ची मोहब्बत को नाटक समझते है ,कोई धोखेबाज होता है तो कोई जांबाज मोहब्बत में कोई भिखारी बन जाता है ,तो कोई किसी का मोहब्बत उसे आमिर बना देता है दोस्तों लेकिन जो भी करो पर किसी को धोखा माँ दो |