वक्त की परछाई बनके

वक्त की परछाई बनके तू मेरे सामने आती हैं ,
हजारों सपने बनके मेरे दिल को सजाती हैं,
तू हैं इस जन्नत की परी इसमे कोई शक नहीं,
तभी तो मेरे सभी बिगढ़े काम पल में बन जाती हैं,

Leave a Comment