कटी हुई टहनियाँ भी कहाँ पर छांव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीदे हमेशा घाव देती है.
जय हिन्द दोस्तों आप सब को तो पता होगा ही की अनमोल शब्द हमारे जीवन के लिये कितने जरुरी हा अगर हम इन सभी बातो पे अमल करे तो हमारे जिन्दगी जीने का तरीका बदल जायेगा ,पर इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में ऐसी बातो पे ध्यान देता है .
कहने वाले ने बहुत सही बात की है कटी हुईं टहनियां कभी छांव नहीं देती और वो देगी भी कैसे एक की साखा डाली पत्ते ये सभी सही होतो हमें छांव और ठंडी हवा मिलती है और पेड़ ही ना होतो हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते है ठीक इसी प्रकार हमें कभी भी किसी पे इतना जादा भरोशा भी नहीं करना चाहिये की वो हमारा भरोशा ही तोड़ दे दोस्तों ये अक्शर देखने को मिलता है