नाम और पहचान चाहे छोटी हो
पर अपने दम पर होनी चाहिए.
हम दुनिया से अलग नहीं,
हमारी दुनिया ही अलग है !
आज तक ऐसी कोई रानी नहीं बनी,
जो इस बदमाश को अपना गुलाम बना सके !
रहते हैं आस-पास ही लेकिन साथ नहीं होते,
कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते.
जिसको जो कहना है कहने दो, अपना क्या जाता है,
ये वक्त वक्त की बात है, और वक्त सबका आता है.
मेरे ठोकरें खाने से भी कुछ लोगों को जलन है,
कहतें हैं यह शख्स तजुर्बे में आगे निकल गया !
जिनके मिज़ाज़ दुनिया से अलग होते है ,
महफ़िलो में चर्चे उनके गज़ब होते है !
वो मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बता रहे है,
जिनकी औकात मेरे Attitude के बराबर भी नहीं.
हमारी शराफत का फायदा उठाना बंद कर दो,
जिस दिन हम बदमाश हो गए क़यामत आ जायेगी !
वक़्त का खास होना ज़रुरी नहीं,
खास लोगों के लिये वक़्त होना ज़रुरी हैं.
ऐटिटूड क्या है ये ऐटिटूड लेकिन जो भी है ,इंसान को इंसान के नजर में इंसान बनता है ,आज के समय में मासूम बन के रहोगे तो इंसान नहीं चुतिया कहलाओगे ,सॉरी दोस्तों लेकिन ये बात सही है इंसान अपने ऐटिटूड से पहचाना जाता है अपने स्टयल से पहचाना जाता है,मै ये नहीं कहता की आप अपने ऐटिटूड का हर जगह प्रदर्शन करो नहीं बिलकुल नहीं ,जहा आपको लगे की ये अलग लोग है ,अपने आप को बहुत बड़ा दिखा रहे है तो ,उन लोगो के सामने अपने आप को छोटा मत समझो ,दिखाओ की आप क्या कर सकते हो और कौन हो ….,
जब हम किसी जगह किसी महफ़िल में जाते है ,तो अनजान जगह में अनजान लोगो के पास अपने आप को बहुत नर्वश फील करते है ,और फेस को देख कर दुसरे लोग खुद हमें पलते है ,तो आईसी नौबत अपनी जिन्दगी में आने मत दो भले ही रुखा सुखा खाओ पीओ लेकिन ऐटिटूड के साथ जीओ खुद के खाते हो तो दुसरे का क्यों सुने सही कह ना दोस्तों , तो जिन्दगी शान से जिओ आराम से जिओ कोई मायका लाल नहीं जो ,आपके तरफ नजर उठा कर भी देख सके ,ऐटिटूडको अपना पहचान बनाओ न की गिले कुचले की तरह जिओ ….|