बेदरदों की दुनिया मे

bedardon ki duniyan me sukun chah raha hun

बेदरदों की दुनिया मे सुकून चाह राहा हूँ,जिनकी आंखे नम है उनसे मुस्कान मांग राहा हूँ.ना मिले बेवफावों की महफ़िल …

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ना राह मालूम है

na rah malum hai

ना राह मालूम है, और ना ही मंजिल का पता,जिये जा राहा तेरी यादों में इसमें मेरी क्या खता,तुम्हें पाना …

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वो बेवफा भले ही थी

wo bewafa bhale hi thi-bewafa shayari

वो बेवफा भले ही थी,पर गलती सारी उसकी नहीं,उसने काहा था की वफ़ा करेगी?पर किससे, ये कहानी मैंने सुनी नहीं।