दिल के अल्फाज़

मैं बन जाऊ रेत सनम,,
तुम लहर बन जाना…
भरना मुझे अपने बाहों में
अपने संग ले जाना है….

ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है, मोहब्बत के लिए,
फिर एक दूसरे से रूठकर वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है

हर रात जान बूझकर रखता हूँ दरवाज़ा खुला
शायद कोई लुटेरा मेरा गम भी लूट ले…

गुजर जाएगा ये दौर भी, जरा सबर तो रखिए..
जब खुशी नही ठहरी तो गम की क्या औकात है।

आंखे थक गई हैं आसमान को देखते देखते,
पर वो तारा नही टूटता, जिसे देखकर तुम्हे मांग लूं..

चलो माना कि हमें प्यार का इज़हार करना नहीं आता,
जज़्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं।

~ चर्चित शायरीयाँ ~

दोस्तों दिल में हमारे हजारो हसरते होते है ,चाहे प्यार में किसी को पाने का या किसी के प्यार में डूब जाने का भले ही वो लड़की हमें नहीं मिल पाती लेकिन दिल के अरमानो को चाह के भी हम ख़त्म नहीं कर सकते है ,जिन्दगी का एक सपना बन जाती है ,जब हम अपने अन्दर के लड़ाई से तंग हो जाते है ,उसके बातो को किसी अपने के पास बताते है ,सवाल सिर्फ पाने का नहीं है हर किसी का अपना एक सपना होता है..

जिसे वो किसी भी हाल में पाना चाहता है ,कभी कभी दिल की बाते जुबा तक आ ही जाती है दोस्तों ,तो कोई कोई एक किसी को अपने बाते बता देते है ,अन्दर में सपना पालके रखते है चाहे वो पूरा हो या न हो ,अपने दिल को ये तसल्ली देते रहते है की एक ना एक दिन हमारा सपना पूरा होगा आज ना सही कल तो होगा इन्ही सभी अन्दर के लड़ाई को अल्फाज़ कहते है दोस्तों धन्यवाद् दोस्तों …….