इन्तजार …….

“दो तरह के आशिक होते है,
एक हासिल करने वाले और
दूसरे इंतज़ार करने वाले।”

“खूबसूरत का पता नहीं, लेकिन मज़ा बहुत आता है,
प्यार में भी और इंतज़ार में भी।”

“आहिस्ता आहिस्ता धड़कन बढ़ने लगती है,
जब इंतज़ार की घड़ी कम होने लगती है।”

“सही समय के इंतज़ार में रहती है,
फिर भी जाने क्यों ये किसी और को ढूंढती रहती है।”

“ज़िंदगी तो मौत के इंतज़ार में रहती है,
फिर भी जाने क्यों ये किसी और को ढूंढती है।”

“अभी अपने आप से नाखुश हूँ,
तभी तो अपने आने वाले अपने आप के इंतज़ार में हूँ।”

“इंतज़ार की गति आपकी किसी चीज को,
चाहने की तीव्रता पर निर्भर करती है।”

उसे गुरूर था कि मैं उसके साथ हूँ,
पर एक दिन उससे दूर क्या हो गया,
उसका गुरूर हि टूट गया।

तू आस न छोड़ना,
तेरे मेरे कुन्ड्ली में हमारा मिलन लिखा है।

नमस्कार दोस्तों शायरी पांडा में आपका हार्दिक स्वागत है ,दोस्तों वैसे तो हम आप लोगो के लिए समय समय पर अलग अलग शायरी लेके आते है ,वैसे ही आज का हमारी शायरी है ,इन्तजार शायरी ,दोस्तों हर किसी की जिन्दगी में कोई न कोई चीज या किसी न किसा का इन्तजार रहता है ,किसी को अपने प्यार का इन्तजार तो किसी को ,कुछ कहने का ,उसी पर आज का हमारा टॉपिक है,इन्तजार ,

किसी का इन्तजार कुछ समय के लिए होता है तो ,किसी का जिन्दगी भर का बन जाता है ,किसी को जादा इन्तजार नहीं करना पड़ता तो ,किसी का इन्तजार में उम्र कट जाती है ,तो दोस्तों हमारा शायरी पढो और बताओ की आप लोगो को कैसा लगा हमारी कोशिश है की अच्छा से अच्छा शायरी लाये|