ना आसंमा होता न जमीं होती ,
अगर मां तुम ना होती..|
मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है।
स्याही खत्म हो गयी “माँ” लिखते-लिखते
उसके प्यार की दास्तान इतनी लंबी थी।
कैसे भुला दूँ मैं अपने पहले प्यार को
कैसे तोड़ दूँ उसके ऐतबार को,
सारा जीवन उसके चरणों में अर्पण कर दूँ
छोड़ दूँ उसकी खातिर मैं इस संसार को।
माँ की बूढी आंखों को अब कुछ दिखाई नहीं देता ,
लेकिन वर्षों बाद भी आंखों में लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया|
जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
माँ ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया…….|
इतना दर्द सहा है जिंदगी में
वो बातें अब ज़ुबा से बयाँ नही होती ,
कब का टूट कर बिखर चुका होता ,
अगर मेरे साथ मेरी माँ नही होती !!
किसी भी मुश्किल का अब ,
किसी को हल नही मिलता
शायद अब घर से कोई ,
माँ के पैर छूकर नही निकलता !!
माँ की एक दुआ जिंदगी बना देगी ,
खुद रोएगी मगर तुम्हें हसा देगी ,
कभी भूल के भी ना माँ को रुलाना ,
एक छोटी सी ग़लती पूरा अर्श हिला देगी !!
दोस्तों माँ नाम सुनते ही दिल में एक स्नेह उत्त्पन होता है,जिसका कोई सीमा नहीं होती और दुनियां में माँ से बड़ी कोई नहीं होती है,शायद ही कोई ऐसा हो माँ की जितना हमें प्यार दे सके ,आज तक तक कोई पैदा नहीं हुआ ,माँ का प्यार पैसो से नहीं तौला जा सकता और नहीं माँ का प्यार आमिर गरीब देखता है ,पैसे वाली माँ भी उतना ही प्यार देगी जितना गरीब माँ ,वो आपकी माँ हो या मेरी माँ हो सब एक ही है दोस्तों,
जब हम बहुत ही छोटे बच्चे होते है न दोस्तों तो हमारी भूख का पता सिर्फ हमारी माँ को चलता है ,और दुनियां में किसी को नहीं की हमें भूख लगी है या नहीं ,खुद भूखी रहेगी लेकिन हमें भूख का एहसास भी होने नहीं देती वो होती है ,जब घर में सबको खाना परोसती है ,कभी खाना पड़ जाये न ,तो पानी पीकर अपना भूख मिटा लेती है पर हमें थोडा सा भी भनक नहीं लगने देती वो होती है ,माँ के बारे में कितना कहू मेरी जिन्दगी छोटी पड़ जाएगी लेकिन बाते ख़त्म नहीं होगी और नहीं बता सकूँगा ,माँ है तो दुनियां माँ के बिना कुछ भी नहीं इ मिस यू माँ ….|