माँ

धरती पर भगवान का रूप होती है माँ..|

माँ ही हैं जिनके आगे भगवान का सिर भी झुकता है।

भगवान और “माँ” में कोई फरक नहीं होता है दोनों ही हमेशा हमारे साथ रहते हैं।

 दुनिया में सबसे सुंदर अगर कोई है तो वो “माँ” है।

 माँ के प्यार के लिए दुनिया तरस जाती है।

लाख गलतियाँ करने पर भी माफ करने की शक्ति होती है “माँ” में।

दोस्तों आज हम बात कर रहे है माँ के बारे में ,माँ ,माँ शब्द सुनते ही ना जाने दिल में एक अलग सा प्यार उत्त्पन हो जाता है ,इस दुनिया जितना प्यार एक माँ करती है शायद ही ,और कोई करे इंसान तो इंसान पशु पछि में भी के प्यार का आसन उच्च है ,एक माँ ही है दुनियां में जो अपने बच्चे के लिये ,सारी दुनियां को छोड़ सकती है ,सारी दुनियां से लड़ सकती ,माँ का प्यार सुन्दरता नहीं नहीं देखती ,उसको अपना बच्चा दुनियां के सभी लोगो से सुंदर लगता है ,आज हम किसी को भी सोच समझकर प्यार करते है ,जैसे कोई लड़की लंगड़ी है ,तो प्यार नहीं करते कहते है अबे यार वो काहा मै काहा ,मेरी इज्जत भेचेगा ,लेकिन माँ के लिए हर बच्चा चाहे वो लूला हो लंगड़ा हो दुनियां का सबसे प्यारा है .

जब कभी हमारा तबियत ख़राब हो जाता है ,तो हम अपने माँ के उपर उतना धयान नहीं देते,कहते है सिर्फ बुखार है डाक्टर के पास जाते है लेकिन कभी भी कही हमें थोडा सा सर्दी ही क्यों न हो जाये सारी दुनियां सर पर उठा लेती ,सारे घर से लड़ जाती है ,मेरे बच्चे के उपर कोई धयान नहीं दे रहे हो ,करके ,थोडा सा सर दर्द क्या हुआ सारी रात सिरहाने बैठ कर हमारी सिर दबाती है अपना ध्यान न रख कर हमारा धयान रखती है वो होती है ,इन दुनियां में माँ से बड़ा शायद कोई होगा ,भगवान् से बड कर होती है माँ ,दुनियां हा हर प्यार दिखावा हो सकता है लेकिन ,माँ का प्यार नहीं ,दुनियां में सब झुटा हो सकता है ,लेकिन माँ नहीं क्युकी माँ है तो दुनियां है माँ नहीं तो कुछ भी नहीं ……|