हौसलो भी किसी हाकिम से कम नहीं होता,
हर तकलीफ में ताकत की दवा देते है….
“भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है।”
“ना संघर्ष न तकलीफ तो क्या मज़ा है जीने में,
बड़े बड़े तूफ़ान थम जाते हैं जब आग लगी हो सीने में।”
ज़िन्दगी में जब आप सही होतें हैं तो इसे कोई याद नही रखता,
और जिंदगी में जब आप गलत हो जाते है तो इसे कोई नही भूलता।
पैसे को दिमाग मे नही जेब मे रखना चाहये,
रिश्तों को खुले में नही दिलों में रखना चाहिये।
जो अपनी जिंदगी में कुछ पाना चाहते हैं,
वो समंदर में भी पत्थरों के पुल बना लेते हैं।
हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे, रास्ता हो जाएगा।
~ चर्चित शायरीयाँ ~
दोस्तों अच्छी बाते हमें हमेशा हमारी जिन्दगी में उतरना चाहिए ,जैसे की बड़े बुजुर्ग हमें नसिहत की बाते जिन्दगी में कुछ करने बाते अपनी सफलता की बाते बताते है तो हम उसे मजाक में लेते है ,लेकिन उन सभी बड़े बुजुर्ग की बाते बाते हमें तब समझ में आता है जब हम उस मुकाम में पहुच जाते है ,जहा हमें अपने खुद के पैरो में खड़ा हो कर जिन्दगी की जरुरतो को पूरा करना होता है ,तब हमें अहसास होता है ,की कास उस दादा नाना ने एक बात बताई थी ,उसे अमल करता तो आज कही और होता ,तो दोस्त कहने कका मतलब ये है की हमें भले ही छोटी ही उम्र में ही सही पर जहा ज्ञान की बाते मिले हमें अपने जहन में रखना चाहिए क्युकी सही बाते जिन्दगी में कही न कही न काम आ ही जाता है ,हम ये नहीं कहते की ,की कीसी ने किसी जगह अच्छी बाते लिखे है या शुभ विचार लिखे है ,तो हम उसी को अमल करे ,
नहीं हम किसी पोस्टर में लिखे अच्छी विचारों को इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में अमल में नहीं ला सकते ,इसका कारण ये है की ,हम किसी हर दिवार में लिखे बाते उसको अपने जिन्दगी में ला ले ये हम नहीं कर सकते ये बाते आपको भी पता है इसका कारण ये है की हम कितने पोस्टर में लिखे बातो को अपने जिन्दगी में लाये नहीं ला सकते ,इसलिए दोस्तों बचपन से ही अच्छी अच्छी बातो को अपने मजे के लिए अपने ख़ुशी के लिए लाये ये जिन्दगी में में आपके लिए एक सुनहरा समय लेके आएगा और आपको पता भी नहीं चलेगा की मैंने आज क्या किया जो आज इस मुकाम में हूँ ,बस इसके के लिए मेहनत और लगन होना चाहिए जिस किसी भी इंसान के पास मेहनत और कुछ करने का जुन्नुन है वो इंसान पानी में भी सोना निकल लेता है जैसे की हम सभी जानते है अब्दुल कलाम जी एक एक बहुत ही छोटे और ,गरीब परिवार से आते थे और घर में एक ही आइसे कमाने वाले थे जो अपने माँ बाप के साथ दस लोगो का पेट भरते थे
,दिन भर कड़ी मेहनत करने के बाद रत को ,ट्राफिक सिग्नल के पास लगे फुटपाथ के लाइट में पढाई करते थे ,अपने कड़ी मेहनत से हमारे देश के सबसे बड़े विज्ञानिक बड़े जिन्होंने हमारे देश के लिए बड़े बड़े अविष्कार लिए ,पहले हमारे देश के पास ऐसा कोई हथियार नहीं था की हम अपने देश की सुरछा के लिए सीमा में रख पाए उन्होंने अग्नि पिथ्वी जैसे अतभुत और विसाश करने वाले खतरनाक हथियारों का अविष्कार किया साथ ही देश का प्रथम नागरिक मतलब देश का उच्च पथ रास्त्रपति के आसन तक पहुचे थे ,दोस्तों हम उस मुकाम तक तो नहीं पहुच सकते लेकिन उनके कर कमलो में तो चल सकते है ,भले ही मैंने कह दिया की हम उसके कर कमलो में ,
चले लेकिन चलना बड़ा ही मुस्किल है और जिस किसी इंसान सच सोच कड़ी मेहनत से इन बातो को अमल करता है भले ही तो कब्दुल कलम नहीं बन सकता लेकिन एक सुकून और सम्मान की जगह पहुच जाता है जहा दस लोग उसके सम्मान करते है ,मै ये नहीं कहता की आप कलाम जी ही बनो लेकिन उनके अच्छे विचारो में अपने जिन्दगी में उतरने की कोशिश तो करो बड़ा सुकून और बड़ा सम्मान मिलेगा परेशानी तो जिन्दगी में आता ही रहता है ,लेकिन जो इंसान मेहनत और परेशानी से डर जाये वो क्या इंसान इसलिए दोस्तों कड़ी मेहनत करो और सफलता की उस मुकाम तक पहुचो की दस लोग आपको देखने आये…..