देखा है आज मुझे भी गुस्से की नज़र से,
मालूम नहीं आज वो किस-किस से लड़े है।
न तेरी शान कम होती न रुतबा ही घटा होता,
जो गुस्से में कहा तुमने वही हँस के कहा होता।
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,
रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया,
हम से तू नाराज़ हैं किस लिये बता जरा,
हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया।
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,
तुम्हारे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी,
क्या कहे क्या गुजरेगी इस दिल पर,
जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी।
हम रूठे भी तो किसके भरोसे रूठें,
कौन है जो आयेगा हमें मनाने के लिए,
हो सकता है तरस आ भी जाये आपको,
पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये।
नाराज क्यूँ होते हो किस बात पे हो रूठे,
अच्छा चलो ये माना तुम सच्चे हम ही झूठे,
कब तक छुपाओगे तुम हमसे हो प्यार करते,
गुस्से का है बहाना दिल में हो हम पे मरते।
हो सकता है हमने आपको कभी रुला दिया,
आपने तो दुनिया के कहने पे हमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे इस दुनिया में,
क्या हुआ अगर आपने एहसास दिला दिया।
हमसे कोई खता हो जाये तो माफ़ करना,
हम याद न कर पाएं तो माफ़ करना,
दिल से तो हम आपको कभी भूलते नहीं,
पर ये दिल ही रुक जाये तो माफ़ करना।
बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से,
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से,
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले,
कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से।
नमस्कार दोस्तों शायरी पांडा में आपका हार्दिक स्वागत है ,दोस्तों जिन्दगी में कभी न कभी हमसे न चाहते हुए भी हमसे गलती हो जाती है ,वो कोई भी हो सकता है ,उस समय हमें बड़े नरमी से ,माफी मांग लेना चाहिये ,न की उनसे बदजुबानी ,क्युकी ऐसा करने से छोटी बात भी बड़ी हो जाती है और ,जहा कुछ नहीं होना चाहिए ,वह बहुत बड़ा झगडा का रूप ले लेती है ,इसलिए दोस्तों ,गलती करके सर झुकाने से गर्दन कट नहीं जाता ,ये नम्रता की निशानी है ,दोस्तों इसलिए आपसी प्रेम बना कर रखना चाहिए दोस्तों,गलतिय रजा से हो जाती है ,,
लेकिन जब राजा अपने धन की घमंड में नहीं जुकता वैसे राजा का राजपाट चला जाता है ,जुकने का मतलब मै ये नहीं कहता की बिना गलती के जुक जाओ नहीं जाब आपकी कोई गलती हो न होतो बातो का जवाब देना ही सही है दोस्तों ,लेकिन कभी कभी जब आपके सॉरी बोलने से मामला शांत होता है तो सॉरी बोल देना चाहिए क्युकी बातो को बड़ा बनाने से फसाद भी बड़ा हो जाता है ,और ये बड़ा रूप लेके हमें ही परेशानी उठानी पड़ती है दोस्तों ,दोस्तों शयरिपंडा आप लोगो अच्छे अच्छे शायरी देने की भरसक प्रयास करती है ……..|