मौत पर हिंदी शायरी

जल रहे थे, जिन्दा मुर्दे, कुछ कब्र में कुछ शमशान में,
क्योंकि हमारी शख्सियत ही ऐसी थी,
जिए शान में, मरे तो शान में।

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